माँ अंजनी के लाल, कलयुग कर दियो निहाल, ओ पवन पुत्र हनुमान, तुम श्री राम के सेवक हो। शिव शंकर के अवतार मेरे बालाजी सरकार ओ पवन पुत्र हनुमान तुम श्री राम के सेवक हो। तू माँ अंजनी का जाया शिव अवतारी कहलाया पाकर के अद्भुत शक्ति संसार में मान बढाया तुम श्री राम के सेवक हो। तेरी सूरत कुछ कपी सी कुछ मानव सी सुहाय मन में राम समाए और तन सिंदूर रमाये तेरी छाती बज्र समाये तुम श्री राम के सेवक हो। जब हरण हुआ सीता का कुछ पता नही लग पाया तूने जा के लंका नगरी माँ सीता का पता लगाया तूने राक्षस सब पछाड़े पहले गरजे फिर दहाड़े सबको मिलकर दिए पछाड़ तुम श्री राम के सेवक हो। माँ अंजनी के लाल, कलयुग कर दियो निहाल, ओ पवन पुत्र हनुमान, तुम श्री राम के सेवक हो।